दिल्ली हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है, जिस पर आरोप है कि उसने व्हाट्सऐप वीडियो कॉल के ज़रिए खुद को पुलिस अधिकारी बताकर एक व्यक्ति से ₹1.75 करोड़ की ठगी की और उसे फर्जी सुप्रीम कोर्ट व सीबीआई के दस्तावेज़ दिखाए। न्यायमूर्ति अमित महाजन ने 25 सितंबर को आदेश पारित किया और कहा कि मामला गंभीर डिजिटल धोखाधड़ी से जुड़ा है जिसमें जटिल तकनीकी तरीकों का इस्तेमाल कर भोले-भाले लोगों को निशाना बनाया गया।
न्यायालय ने कहा: “ऐसे अपराधों में तकनीक का दुरुपयोग कर अपराधी कानून से बच निकलते हैं”
न्यायमूर्ति महाजन ने टिप्पणी की, “ऐसे मामलों में स्वभावतः कई तरह के संचार उपकरणों और जटिल तरीकों का उपयोग किया जाता है ताकि अनजान पीड़ितों को गुमराह किया जा सके। ऐसे अपराध बढ़ रहे हैं और तकनीक के दुरुपयोग के कारण इन्हें सुलझाना कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए बेहद कठिन हो जाता है।”
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