सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उसने जघन्य अपराधों में मौत की सजा पाए मामलों में पीड़ितों और समाज के हितों को ध्यान में रखते हुए नए दिशानिर्देश बनाने की मांग की थी।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति एन. वी. अंजारिया की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की और कहा, “हम इस एमए (विविध आवेदन) में कोई मेरिट नहीं पाते,” कहते हुए केंद्र की अर्जी खारिज कर दी।
केंद्र ने यह आवेदन जनवरी 2020 में दायर किया था। उसका तर्क था कि वर्तमान में मौत की सजा से जुड़े दिशानिर्देश केवल आरोपी और दोषी केंद्रित हैं। उसने कहा कि न्यायालय को ऐसे मामलों में, जो “न्यायालय के सामूहिक विवेक को झकझोर देते हैं,” पीड़ितों और समाज के हितों को भी ध्यान में रखते हुए दिशानिर्देश तय करने चाहिए।
यह आवेदन 2014 के ऐतिहासिक शत्रुघ्न चौहान बनाम भारत संघ मामले में