भारत के सुप्रीम कोर्ट ने एमएमटीसी लिमिटेड (MMTC) द्वारा दायर एक अपील को खारिज कर दिया है, जिसमें एक मल्टी-मिलियन डॉलर के मध्यस्थता अवार्ड (arbitral award) के प्रवर्तन (enforcement) को रोकने की मांग की गई थी। कोर्ट ने माना कि यह सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम (PSU) धोखाधड़ी का ऐसा कोई प्रथम दृष्टया (prima facie) मामला भी स्थापित करने में विफल रहा है, जो अवार्ड को अप्रवर्तनीय (inexecutable) बना दे।

बेंच, जिसमें जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस के.वी. विश्वनाथन शामिल थे, ने दिल्ली हाईकोर्ट के 09.05.2025 के आदेश को बरकरार रखा। हाईकोर्ट ने एमएमटीसी की सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 (CPC) की धारा 47 के तहत दायर आपत्तियों और प्रवर्तन कार्यवाही पर रोक की मांग करने वाले ऑर्डर XXI रूल 29 के तहत एक आवेदन को खारिज कर दिया था।

सुप्रीम कोर्ट के समक्ष मुख्य मुद्दा यह था कि क्या धोखाधड़ी और मिलीभगत का आरोप लगान

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