सुप्रीम कोर्ट ने 4 नवंबर 2025 को दिए गए एक महत्वपूर्ण फैसले में यह स्पष्ट किया है कि मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के अध्याय VI के तहत किसी अधिसूचित अंतरराज्यीय रूट (Notified Intra-State Route) के लिए स्वीकृत योजना (Approved Scheme) को उसी अधिनियम के अध्याय V की धारा 88 के अंतर्गत बने किसी अंतरराज्यीय परिवहन समझौते (IS-RT Agreement) पर प्राथमिकता प्राप्त होती है।
न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) द्वारा दाखिल अपीलों को स्वीकार करते हुए मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेशों को निरस्त कर दिया। हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया था कि वह उन निजी ऑपरेटरों के अंतरराज्यीय परमिटों पर काउंटर सिग्नेचर करे जिनके रूट UPSRTC के अधिसूचित रूट से मिलते-जुलते थे।
पृष्ठभूमि
मुख्य अपील U.P. State Road Transport

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