न्यायिक पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को देश के सभी हाईकोर्ट्स को निर्देश दिया कि वे अपनी वेबसाइट पर एक डैशबोर्ड तैयार करें, जिसमें 31 जनवरी 2025 के बाद से आरक्षित किए गए फैसलों, सुनाए गए निर्णयों और उनके अपलोड की तारीखों का विवरण सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराया जाए।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमल्या बागची की पीठ ने यह टिप्पणी करते हुए कहा कि कई हाईकोर्ट्स, विशेषकर झारखंड हाईकोर्ट में, वर्षों तक फैसले लंबित पड़े हैं जबकि अंतिम बहस पूरी हो चुकी है। पीठ ने कहा, “सबको यह पता चलना चाहिए कि कितने मामलों में फैसले आरक्षित हैं, कितने में सुनाए गए हैं और किस तारीख को वेबसाइट पर अपलोड किए गए हैं।”

न्यायमूर्ति बागची ने सहमति जताते हुए कहा, “हाईकोर्ट की वेबसाइट पर ऐसा डैशबोर्ड या अलग विंडो बनाने से न्यायपालिका की जवाबदेही जनता के प्रति स्पष्ट होगी।”

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