दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि दिल्ली सरकार (GNCTD) द्वारा एक शिक्षिका को प्रशासनिक असुविधा का हवाला देते हुए चाइल्ड केयर लीव (CCL) देने से इनकार करना, जबकि उसी अवधि के लिए असाधारण अवकाश (EOL) स्वीकृत करना, “मनमाना और भेदभावपूर्ण” है।

जस्टिस नवीन चावला और जस्टिस मधु जैन की खंडपीठ ने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसने शिक्षिका की याचिका खारिज कर दी थी। हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि वह याचिकाकर्ता की 303 दिन की EOL अवधि को CCL में परिवर्तित करे।

मामले की पृष्ठभूमि

यह याचिका श्रीमती राजेश राठी द्वारा दायर की गई थी, जो गवर्नमेंट को-एड सीनियर सेकेंडरी स्कूल, हिरन कुदना, नई दिल्ली में टीजीटी (गणित) हैं। उन्होंने CAT के 09.07.2019 के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसने CCL की मंजूरी और उनकी पहले ली गई EOL को CCL में बदलने की उनकी अर्

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