सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को तमिलनाडु के पूर्व मंत्री वी. सेंथिल बालाजी की उस याचिका पर विचार करने के लिए सहमति जताई जिसमें उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में लगी कुछ जमानत शर्तों में ढील देने का अनुरोध किया है। यह मामला राज्य में कथित कैश-फॉर-जॉब घोटाले से जुड़ा है।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने बालाजी की याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) को नोटिस जारी किया और 10 दिनों के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा। अगली सुनवाई 1 दिसंबर को होगी।
बालाजी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और नरेंद्र हूडा ने कहा कि वह जमानत आदेश की दो प्रमुख शर्तों में संशोधन चाहते हैं। पहली शर्त के अनुसार उन्हें हर सोमवार और शुक्रवार सुबह 11 बजे से दोपहर 12 बजे के बीच चेन्नई स्थित ED के डिप्टी डायरेक्टर के कार्यालय में उपस्थिति दर्ज करानी होती है। दूसरी शर्त में उन्हें तीन निर्धारित अपराधों की जा

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