राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) और आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया है कि 10 वर्ष पुराने डीज़ल और 15 वर्ष पुराने पेट्रोल वाहनों पर “कोई दंडात्मक कार्रवाई न करने” के उसके 12 अगस्त के निर्देश की पुनः समीक्षा की जाए, क्योंकि राजधानी में लगातार बढ़ते प्रदूषण और पुराने वाहनों से होने वाला भारी उत्सर्जन स्थिति को और खराब कर रहा है।

अगस्त में आए आदेश ने मूल रूप से सुप्रीम कोर्ट के अक्टूबर 2018 के उस निर्देश पर रोक लगा दी थी, जिसने 2014 के राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के फैसले को बरकरार रखते हुए पुराने और प्रदूषित वाहनों को सड़क पर चलने से रोकने का उद्देश्य रखा था।

सुप्रीम कोर्ट को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में CAQM ने BS-III और इससे नीचे के उत्सर्जन मानकों वाले वाहनों के प्रदूषण भार का BS-VI वाहनों से तुलनात्मक विश्लेषण किया। आयोग ने कहा कि अगस्त

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