सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार से पूछा कि पूर्व पंजाब मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की 1995 में हत्या के दोषी बलवंत सिंह राजोआणा को अब तक फांसी क्यों नहीं दी गई, जबकि वह पिछले 15 वर्षों से मृत्युदंड की सजा पर जेल में बंद है।
जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एन. वी. अंजारिया की पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के. एम. नटराज द्वारा अपराध को “गंभीर” बताए जाने पर तीखे सवाल किए। पीठ ने कहा, “आपने अब तक उसे फांसी क्यों नहीं दी? इसका जिम्मेदार कौन है? कम से कम, हमने तो उसकी फांसी पर रोक नहीं लगाई।”
राजोआणा जुलाई 2007 से मृत्युदंड पर है और लगभग 29 वर्षों से जेल में कैद है। उसकी याचिका में फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की मांग की गई है, यह कहते हुए कि दया याचिका पर फैसला करने में असामान्य देरी हुई है।
राजोआणा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि दया याचिका पर वर्षों