दिल्ली हाईकोर्ट ने एक संपत्ति धोखाधड़ी मामले में आरोपी की पांचवीं अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए निचली अदालतों के दो जजों और एक जांच अधिकारी के आचरण पर गंभीर आपत्ति जताई है। इन पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा राहत देने से इनकार किए जाने के बावजूद आरोपी को गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान करने का आरोप है। न्यायमूर्ति गिरीश कथपालिया ने धोखाधड़ी और जालसाजी सहित अन्य अपराधों के लिए प्रशांत विहार पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर संख्या 477/2023 में निखिल जैन द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया। साथ ही, उन्होंने आदेश की एक प्रति रजिस्ट्रार जनरल को न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए और पुलिस आयुक्त को जांच अधिकारी की भूमिका की जांच के लिए भेजने का निर्देश दिया।

मामले की पृष्ठभूमि

यह मामला तिलक राज जैन द्वारा दर्ज कराई गई एक शिकायत से संबंधित है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि उन्हें आवेदक निखिल

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