सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिया कि वे गैर-यांत्रिक वाहनों और पैदल यात्रियों की सार्वजनिक स्थलों और राष्ट्रीय राजमार्गों पर आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए छह माह के भीतर सड़क सुरक्षा नियम बनाएं और अधिसूचित करें।
न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति के. वी. विश्वनाथन की पीठ ने यह निर्देश कोयंबटूर के सर्जन एस. राजशेखरन की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिए। याचिका में देश में सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या को रेखांकित करते हुए सड़क सुरक्षा के लिए समन्वित कदम उठाने की मांग की गई थी।
पीठ ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिया कि वे मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 138(1A) के तहत छह माह के भीतर नियम बनाएँ, यदि पहले से न बनाए गए हों, ताकि गैर-यांत्रिक चालित वाहनों और पैदल यात्रियों की सार्वजनिक स्थलों और राष्ट्रीय राजमार्गों प