सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को झारखंड सरकार को पश्चिम सिंहभूम ज़िले के पारिस्थितिक रूप से समृद्ध सरंडा वन क्षेत्र को वन्यजीव अभयारण्य घोषित करने पर अंतिम निर्णय लेने के लिए एक सप्ताह का समय दिया। अदालत ने चेतावनी दी कि अगर राज्य सरकार कार्रवाई नहीं करती है तो वह स्वयं रिट ऑफ़ मैंडमस (writ of mandamus) जारी कर सकती है।
मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने स्पष्ट कहा कि अदालत “किसी को जेल भेजने में दिलचस्पी नहीं रखती,” लेकिन राज्य को उसके पुराने लंबित निर्देशों का पालन करना ही होगा। मामला अब 15 अक्टूबर को आगे की सुनवाई के लिए तय किया गया है।
यह मामला सरंडा और ससंगदाबुरू वन क्षेत्रों को क्रमशः वन्यजीव अभयारण्य और संरक्षण रिज़र्व के रूप में अधिसूचित करने के प्रस्ताव से जुड़ा है। मूल प्रस्ताव में 31,468.25 हेक्टेयर क्षेत्र को अभयारण्य घोषित करने की बात थी। बाद में झारखंड स