सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया जिसे अमेरिका में रह रहे विश्वनाथन रुद्रकुमारन ने दायर किया था। रुद्रकुमारन खुद को ‘तमिल ईलम की अंतरराष्ट्रीय सरकार का प्रधानमंत्री’ बताते हैं और वे लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) को गैरकानूनी संगठन घोषित करने से संबंधित कार्यवाही में पक्षकार बनने की मांग कर रहे थे।

न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने याचिका पर विचार करने से असहमति जताई, जिसके बाद याचिकाकर्ता के वकील ने इसे वापस ले लिया। अदालत ने याचिका को वापस लेने की अनुमति दी और कहा कि याचिकाकर्ता कानून के अनुसार उपलब्ध अन्य उपायों का सहारा ले सकता है।

रुद्रकुमारन का जन्म श्रीलंका में हुआ था और वे वर्तमान में अमेरिका में रह रहे हैं। उन्होंने अक्टूबर 2024 के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने उनकी उस याचिका

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