भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस एन.वी. रमना ने एक बड़ा खुलासा करते हुए कहा है कि उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ “उन्हें बाध्य करने” के प्रयास में आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे। शनिवार को VIT-AP यूनिवर्सिटी के 5वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए जस्टिस रमना ने टिप्पणी की कि संवैधानिक सिद्धांतों को बनाए रखने वाले न्यायपालिका के सदस्यों को भी “दबाव और उत्पीड़न” का सामना करना पड़ा।

‘तीन राजधानियों’ के प्रस्ताव का संदर्भ

पूर्व CJI ने किसी का नाम लिए बिना, आंध्र प्रदेश की पिछली सरकार के “तीन राजधानियों” के प्रस्ताव के संदर्भ में यह बातें कहीं। इस फॉर्मूले के तहत अमरावती को एकमात्र राजधानी से हटाकर, विशाखापत्तनम को प्रशासनिक, अमरावती को विधायी और कुरनूल को न्यायिक राजधानी बनाने का प्रस्ताव था।

इस कदम के कारण अमरावती क्षेत्र के किसानों ने बड़ा आंदोलन किया था। जस्टिस रमना ने अपने

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