उत्तराखंड हाईकोर्ट ने शुक्रवार को उस महिला के खिलाफ चल रही आपराधिक कार्यवाही रद्द कर दी, जिस पर एक व्यक्ति को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया था। अदालत ने पाया कि महिला स्वयं ब्लैकमेल और मानसिक उत्पीड़न की शिकार थी।
न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ ने सोशल मीडिया के माध्यम से बने संबंधों और आत्महत्या के लिए उकसावे, ब्लैकमेल तथा धमकी जैसे अपराधों से संबंधित कानूनी सिद्धांतों का विश्लेषण करने के बाद यह निर्णय दिया।
मामले के अनुसार, रुड़्रप्रयाग निवासी प्रीति गौतम की मुलाकात मृतक से फेसबुक पर हुई थी। धीरे-धीरे दोनों के बीच नज़दीकी बढ़ी और इस दौरान मृतक ने प्रीति की आपत्तिजनक तस्वीरें और वीडियो रिकॉर्ड कर लिए। बाद में उसने उन सामग्रियों को प्रीति के परिवार और सोशल मीडिया पर प्रसारित करने की धमकी देते हुए उसे ब्लैकमेल करना शुरू किया।
जब प्रीति का विवाह किसी अन्य व्यक्ति से तय हुआ

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