सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार और प्रमुख विमानन नियामकों से उस याचिका पर जवाब मांगा है, जिसमें निजी एयरलाइनों द्वारा हवाई किराए और विभिन्न अतिरिक्त शुल्कों में “अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव” को नियंत्रित करने के लिए बाध्यकारी नियम बनाने की मांग की गई है।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने केंद्र, नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) और भारतीय विमानपत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण (AERA) को नोटिस जारी किया। मामले की सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी।
यह याचिका सामाजिक कार्यकर्ता एस. लक्ष्मीनारायणन ने दायर की है, जिसमें हवाई यात्रा क्षेत्र में पारदर्शिता और उपभोक्ता संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए एक स्वतंत्र और मजबूत नियामक संस्था के गठन की भी मांग की गई है। वरिष्ठ अधिवक्ता रविंद्र श्रीवास्तव और अधिवक्ता चारू माथुर व अभिनव वर्मा याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए।
याचिका में कहा गय

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