सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार से कहा कि दवाइयों की मार्केटिंग पर बने यूनिफॉर्म कोड (UCPMP) की प्रक्रियाएं इतनी मज़बूत होनी चाहिए कि किसी भी उपभोक्ता को अगर धोखा दिया जाए, तो उसके पास शिकायत दर्ज कराने और उचित कार्रवाई प्राप्त करने का आसान और प्रभावी माध्यम उपलब्ध हो।

जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि प्रणाली ऐसी होनी चाहिए कि “हर व्यक्ति या उपभोक्ता जिसे धोखा दिया गया हो” उसके पास स्पष्ट और सुलभ उपचार हो। अदालत फार्मा कंपनियों की कथित अनैतिक मार्केटिंग प्रथाओं को रोकने के लिए कठोर उपायों की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

पीठ ने सवाल उठाया कि जब सरकार ने 2024 का यूनिफॉर्म कोड बनाया है, तो उसमें उपभोक्ता शिकायतों के लिए आसान तंत्र क्यों नहीं है। अदालत ने कहा, “अगर आपने कोड बनाया है, तो उसमें ऐसा प्रावधान क्यों नहीं है जिससे उपभोक्ता आसानी से शिकायत

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