सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार और बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया (BCI) से उस याचिका पर जवाब मांगा है जिसमें बॉम्बे हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी गई है, जिसमें कहा गया था कि वकीलों द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ बार काउंसिल में की गई शिकायतों पर POSH कानून लागू नहीं होता।
जस्टिस बी वी नागरत्ना और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने नोटिस जारी किया और इस मामले को एक समान लंबित याचिका के साथ टैग कर दिया।
यह अपील सुप्रीम कोर्ट वीमेन लॉयर्स एसोसिएशन ने दायर की है, जिसने बॉम्बे हाईकोर्ट के 7 जुलाई के निर्णय पर सवाल उठाया है। एसोसिएशन का कहना है कि इस फैसले के बाद महिला वकील POSH कानून के तहत प्रभावी उपायों से वंचित हो गई हैं, क्योंकि हाईकोर्ट ने माना कि POSH कानून बार काउंसिल पर लागू नहीं होता।
याचिका में कहा गया कि हाईकोर्ट का यह कहना कि महिला वकील एडवोकेट्स एक्ट, 1961 की धारा 35 के तहत बार काउंसिल

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