सुप्रीम कोर्ट और विभिन्न उच्च न्यायालयों के 56 सेवानिवृत्त न्यायाधीशों ने शुक्रवार को एक संयुक्त बयान जारी कर मद्रास हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस जी. आर. स्वामीनाथन के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की DMK की पहल की कड़ी निंदा की। पूर्व न्यायाधीशों ने इसे न्यायपालिका को डराने और दबाव में लाने का “बेशर्म प्रयास” करार दिया।

विवाद की पृष्ठभूमि 1 दिसंबर को पारित जस्टिस स्वामीनाथन के उस आदेश से जुड़ी है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अरुलमिगु सुब्रमणिया स्वामी मंदिर दीपथून में दीप जलाने के लिए बाध्य है, जो उचि पिल्लैयार मंडपम के पास पारंपरिक रूप से दीप जलाने के अतिरिक्त होगा। न्यायालय ने स्पष्ट किया था कि ऐसा करने से पास स्थित दरगाह या मुस्लिम समुदाय के अधिकारों का कोई अतिक्रमण नहीं होगा।

इस आदेश के बाद राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया और 9 दिसंबर को DMK के नेतृत्व में कई विपक्षी सांसदों ने लोकसभा अध्य

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