कर्नाटक हाईकोर्ट ने गुरुवार को राज्य में हाल ही में पारित गिग वर्कर्स कानून की प्रासंगिकता पर सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या यह कानून बाइक टैक्सी संचालकों की चिंताओं को पर्याप्त रूप से संबोधित करता है। अदालत ने यह भी संकेत दिया कि यदि सरकार जल्द ही स्पष्ट नियम नहीं बनाती, तो बाइक टैक्सी सेवाओं पर लगे प्रतिबंध को स्थगित किया जा सकता है।

मुख्य न्यायाधीश विभु बखरू और न्यायमूर्ति सी.एम. जोशी की खंडपीठ ओला (एएनआई टेक्नोलॉजीज), उबर, रैपिडो, व्यक्तिगत राइडर्स और बाइक टैक्सी वेलफेयर एसोसिएशन की उन अपीलों पर सुनवाई कर रही थी, जिनमें एकल न्यायाधीश के उस आदेश को चुनौती दी गई है जिसमें स्पष्ट नियामक ढांचा बनने तक बाइक टैक्सी सेवाओं पर रोक लगा दी गई थी।

सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता शशि किरण शेट्टी ने अदालत को बताया कि सरकार ने हाल ही में कर्नाटक प्लेटफॉर्म-आधारित गिग वर्कर्स (सामाजिक सुरक्षा और कल्याण) अ

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