दिल्ली-एनसीआर की लगातार बिगड़ती हवा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि समस्या का हल केवल आपातकालीन कदमों से नहीं निकलेगा। अदालत ने साफ किया कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए लंबी अवधि की रणनीति जरूरी है और उसने पूरे साल ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के तहत प्रतिबंध लागू करने की मांग ठुकरा दी।
मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई, न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति एन. वी. अंजारिया की पीठ ने कहा कि GRAP वैज्ञानिक मानकों और AQI के स्तर के आधार पर तैयार किया गया है. इसलिए इसे पूरे वर्ष लागू करने का निर्देश देना उचित नहीं होगा।
CJI गवई ने कहा,
“हम इस क्षेत्र के विशेषज्ञ नहीं हैं। GRAP के तहत जिन गतिविधियों पर रोक लगाई जाती है, उन्हें पूरे साल बंद रखने का आदेश नहीं दे सकते। राजधानी में बड़ी आबादी अपनी रोज़ी-रोटी के लिए इन गतिविधियों पर निर्भर है।”
अदालत ने पराली जलाने के मुद्दे पर

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