बॉम्बे हाईकोर्ट ने नवी मुंबई में तेजी से बढ़ रहे अवैध निर्माणों पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि महाराष्ट्र सरकार “मूक दर्शक” बनकर नहीं रह सकती, क्योंकि अंततः सबसे ज्यादा प्रभावित मध्यमवर्गीय घर खरीदार ही होते हैं।
मुख्य न्यायाधीश श्री चंद्रचूड़ शेखर और न्यायमूर्ति गौतम अंकड़ की खंडपीठ ने यह टिप्पणी पिछले सप्ताह एक जनहित याचिका पर आदेश पारित करते हुए की। आदेश की प्रति बुधवार को उपलब्ध हुई।
नवी मुंबई महानगरपालिका (NMMC) ने अदालत को बताया कि शहर में 2,100 इमारतें ऐसी हैं, जो या तो बिना अनुमति बनीं या स्वीकृत नक्शों का उल्लंघन कर खड़ी की गईं।
अदालत ने कहा कि यह संख्या “गंभीर और तंत्रगत विफलता को दर्शाती है, जो भ्रष्ट अधिकारियों और डेवलपरों की सांठगांठ की ओर संकेत करती है” और इसे “बेहद चिंताजनक” बताया।
पीठ ने टिप्पणी की कि जब आम घर खरीदार सबसे बड़े पीड़ित हों, तो राज्य सरकार चुपचाप

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