पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे जोड़े द्वारा दायर सुरक्षा याचिका का निपटारा करते हुए स्पष्ट किया है कि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन और स्वतंत्रता की सुरक्षा एक मौलिक अधिकार है। न्यायमूर्ति जसजीत सिंह बेदी की एकल पीठ ने यह आदेश उस मामले में दिया जहां लिव-इन में रह रहे जोड़े में से एक पार्टनर पहले से किसी और से विवाहित है।
अदालत ने याचिकाकर्ताओं के रिश्ते की वैधता पर कोई टिप्पणी किए बिना अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे जोड़े की जान को खतरे की आशंका (threat perception) का आकलन करें और कानून के अनुसार उचित कार्रवाई करें।
याचिकाकर्ताओं ने अपनी जान को खतरे का हवाला देते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि भले ही याचिकाकर्ताओं का रिश्ता सामाजिक या कानूनी रूप से स्वीकार्य न हो, लेकिन किसी को भी कानून अपन

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