इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश में जन्म प्रमाण पत्र जारी करने की मौजूदा व्यवस्था पर कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने सिस्टम को “अव्यवस्थित” (Mess) करार देते हुए कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य में कोई भी व्यक्ति, कहीं से भी और अपनी मर्जी की तारीख वाला जन्म प्रमाण पत्र बनवा सकता है।
न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन और न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने शिवांकी बनाम भारत संघ व अन्य (रिट-सी संख्या 40200/2025) के मामले में सुनवाई करते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव को विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने उनसे पूछा है कि इस तरह की विसंगतियां क्यों मौजूद हैं और सिस्टम को सुधारने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
मामले की पृष्ठभूमि
यह मामला याचिकाकर्ता शिवांकी से संबंधित है। सुनवाई के दौरान यूआईडीएआई (UIDAI) के क्षेत्रीय कार्यालय, लखनऊ के उप निदेशक द्व

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