सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) 2.0 के दौरान बूथ लेवल अधिकारियों (BLOs) और अन्य कर्मचारियों को पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों में मिल रही धमकियों पर गंभीर चिंता जताई और कहा कि यदि स्थिति को तुरंत नहीं संभाला गया तो यह “अराजकता” की स्थिति पैदा कर सकती है।

मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने निर्वाचन आयोग से कहा कि यदि राज्य सरकारों की ओर से सहयोग में कमी, धमकी या काम में बाधा की कोई भी घटना सामने आती है, तो उसे अदालत के संज्ञान में लाएं, ताकि उचित आदेश पारित किए जा सकें।

पीठ ने कहा, “सहयोग की कमी और BLOs के काम में बाधाओं के उदाहरण हमारे समक्ष लाएं, हम उचित आदेश देंगे।”

निर्वाचन आयोग की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने कहा कि यदि हालात बिगड़े, तो आयोग के पास राज्य पुलिस को अपने नियंत्रण में लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा।

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