सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को तमिलनाडु स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन (TASMAC) के पक्ष में अपने अंतरिम आदेश को बढ़ाते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) को किसी भी प्रकार की दमनात्मक कार्रवाई—जैसे तलाशी, जब्ती या आगे की जांच—से रोका। यह मामला राज्य में कथित शराब रिटेल घोटाले से जुड़ा है।
मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ ने सुनवाई के दौरान केंद्र और राज्य के जांच अधिकारों के संतुलन को लेकर अहम सवाल उठाए।
पीठ ने पूछा, “क्या यह राज्य के जांच के अधिकार में हस्तक्षेप नहीं होगा? हर मामले में, जब आपको लगे कि राज्य जांच नहीं कर रहा है, तो क्या आप खुद ही जांच करेंगे? धारा 66(2) का क्या होगा?”
डीएमके सरकार और TASMAC ने ईडी की छापेमारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने मद्रास हाईकोर्ट के 23 अप्रैल के आदेश को चुनौती दी थी, जिसने ईडी की कार्रवाई को बरकरार रखा