सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि देशभर के सभी न्यायालय परिसरों और अधिकरणों में शौचालयों के निर्माण और रखरखाव के लिए जारी उसके दिशा-निर्देशों का “ईमानदारी और पूरी सख्ती से पालन” किया जाना जरूरी है, ताकि इन सुविधाओं को वास्तव में सार्थक बनाया जा सके।

न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति के. वी. विश्वनाथन की पीठ ने इस मामले में सुनवाई की, जो 15 जनवरी को दिए गए फैसले के अनुपालन की रिपोर्ट पेश करने के लिए सूचीबद्ध थी। उस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने सभी उच्च न्यायालयों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया था कि सभी न्यायालय परिसरों और अधिकरणों में पुरुषों, महिलाओं, दिव्यांगजनों और ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए अलग-अलग और सुलभ शौचालयों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।

जनवरी के फैसले में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि “सार्वजनिक स्वास्थ्य सर्वोपरि है” और पर्याप्त सार्वजनिक श

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