सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की उस याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जताई, जिसमें बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है जिसमें पूर्व वसई-विरार नगर निगम आयुक्त अनिल पवार की मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी को “अवैध” करार दिया गया था।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने पवार से जवाब मांगा और मामला तीन सप्ताह बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
ईडी ने 13 अगस्त को पवार को गिरफ्तार किया था। एजेंसी का आरोप है कि वर्ष 2008 से 2010 के बीच अवैध निर्माण कार्य हुए और 41 इमारतें ठेकेदारों और बिल्डरों ने महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (CIDCO) के अधिकारियों की मिलीभगत से बनाई थीं।
ईडी का कहना है कि फरवरी 2025 से अगस्त 2025 के बीच हुई जांच में यह सामने आया कि पवार इस अपराध में शामिल थे और उन्हें “भारी अवैध धनराशि” मिली।
अनिल पवार, जो 2014 बैच के आईएएस

LawTrend

Livemint
Foreign Policy
Raw Story
The Hollywood Gossip
News5 Cleveland Politics
The Daily Beast
Associated Press Top News
5 On Your Side Sports