इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक नाबालिग बलात्कार पीड़िता द्वारा दायर रिट याचिका को स्वीकार करते हुए एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। न्यायमूर्ति शेखर बी. सराफ और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार की खंडपीठ ने अधिकारियों को वैधानिक मुआवज़े का भुगतान करने का निर्देश दिया और भुगतान में “अत्यधिक देरी” के लिए पीड़िता को 2 लाख रुपये का अतिरिक्त मुआवज़ा देने का भी आदेश दिया। कोर्ट ने ‘उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मीबाई महिला सम्मान कोष नियमावली, 2015’ के तहत धन जारी करने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की “घोर शिथिलता” और “निंदनीय निष्क्रियता” की कड़ी आलोचना की।

यह फैसला 27 अक्टूबर, 2025 को ‘विक्टिम एक्स’ द्वारा अपने पिता के माध्यम से दायर रिट-सी संख्या 9042 ऑफ 2025 में सुनाया गया।

मामले की पृष्ठभूमि

अदालत के फैसले में उल्लिखित तथ्यात्मक विवरण के अनुसार, याचिकाकर्ता के साथ बलात्कार की घटना 8 मई, 2025 को हु

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